सुबह के 10 बजे, करीब 100 प्रतिभागियों एम्बस्सी के पास एकत्र हुए. उनके हाथ में झंडे थे, जिसमें आंदोलन CWT के लोगो थे. और उनके हाथ में नारे वाले झंडे भी थे जिसमें लिखा था- “cryptocurrency के लिए हाँ डॉलर इतिहास के कचरे जाओ”
“संयुक्त राज्य अमेरिका के फेडरल रिजर्व सिस्टम ने सामान्य नागरिकों की आय को प्रभावित नहीं करना चाहिए”
“ट्रम्प आएंगे और सब कुछ सही कर देगा”, और कई और नारे थे.
रैली के आयोजकों में से एक आयोजक ने कहा कि, इस रैली के दौरान प्रतिभागियों ने कई डॉलर को फाड़ दिया टुकड़े चारों ओर फेंक दिया. उनकी गतिविधि “फेडरल रिजर्व सिस्टम” के खिलाफ निर्देशित है.
यह एक संयोग नहीं है कि आज का दिन चुना गय था रैली के लिये. येह दिन चुना गया , क्योंकि 103 साल पहले अमेरिका में “फेडरल रिजर्व सिस्टम” रचा गया था.
““फेडरल रिजर्व सिस्टम” डॉलर से पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है और कई देशों की अर्थव्यवस्था नष्ट कर रहा है. यूक्रेन भी “फेडरल रिजर्व सिस्टम” का शिकार है, न केवल आर्थिक रूप से लेकिन राजनीतिक रूप से भी. दिन-ब-दिन Ukrainians के जीवन स्तर नीचे जा रहा है और दोष अमेरिकी डॉलर पर हमारी अर्थव्यवस्था की निर्भरता है. हमे यकीन है कि डोनाल्ड के राष्ट्रपति बनने के बाद और उनके वाशिंगटन मे आते हि वाशिंगटन की नीति में बदलाव होगा. त्रुम्प जी ने कई बार कहा है कि, -उसके लिए सबसे प्राथमिकता है संयुक्त राज्य अमेरिका की आंतरिक समस्याओं है और संयुक्त राज्य अमेरिका की दिलचस्पी. अन्य देशों के बारे में क्या होगा, उनके भाग्य के बारे में उन्हें खुद को सोचना होगा”.
रैली के एक आयोजक ने कहा कि- “संकल्प का पाठ” जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर किए और संयुक्त राज्य अमेरिका के एम्बस्सी को भेजी,इस में यह देखा गया है कि वे “संयुक्त राज्य अमेरिका” के बहुराष्ट्रीय निगम और फेडरल रिजर्व बैंकों की वर्तमान संकल्प के साथ खुश नहीं थे. वे मांग कर रहे हैं कि अन्य देशों की सरकारों पर दबाव डालना बंद कर देना चाहिए और उनके आंतरिक नीति में दखलंदाजी बंद कर देना चाहिए. उनके यह भी मांग है कि, डॉलर को एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में प्रभावित करना रोक दे. फिर से चुनाव की अनुमति न देने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा की टक्कर के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए.
CWT की रैली के सदस्यों के शब्दों के अनुसार, अगर यह शर्त पूरी की जाती है तो अमेरिका का अन्य देशों के साथ बेहतर संबंध होगा और दुनिया में पूरी स्थिति स्थिर हो जायेगी.
सामान्य तौर पर रैली एक शांतिपूर्ण घटना थी और वहाँ मौजूद पुलिस के अनुसार किसी भी तरह का कानून नहीं तोड़ गय.